राजस्थान की प्रमुख साहित्यिक संस्थाएं (Famous Literary Institutions of Rajasthan)

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February 19th, 2023

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Literary Institutions of Rajasthan

राजस्थान में साहित्य की प्रोन्नति तथा साहित्यिक संचेतना के प्रचार-प्रसार के लिए सरकार द्वारा विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं (Literary Institutions) की स्थापना की गई है। इनमें से कुछ प्रमुख संस्थाओं की जानकारी नीचे दी जा रही है। राजस्थान के प्रमुख कला एवं संगीत संस्थानों (Art & Music Institutions of Rajasthan) के लिए यहां क्लिक करें।

राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर (Rajasthan Sahitya Academy, Udaipur)

  • राजस्थान में साहित्य की प्रोन्नति तथा साहित्यिक संचेतना के प्रचार-प्रसार के लिए 28 जनवरी, 1958 को उदयपुर में इसकी स्थापना की गई।
  • अकादमी द्वारा मीरा पुरस्कार, सुधीन्द्र पुरस्कार, डॉ. रांगेय राघव पुरस्कार, कन्हैयालाल सहल पुरस्कार आदि साहित्य के क्षेत्र में प्रदान किए जाते है।
  • अकादमी द्वारा राजस्थानी क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार ‘मीरा पुरस्कार’ है।
  • प्रथम मीरा पुरस्कार वर्ष 1959-60 में डॉ. रामानन्द तिवारी को दिया गया था।
  • अकादमी द्वारा मासिक पत्रिका ‘मधुमति’ का भी प्रकाशन किया जाता है।

राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर (Rajasthan Sanskrit Academy, Jaipur)

  • संस्कृत भाषा को जनमानस में लोकप्रिय बनाने, संस्कृत मौलिक लेखन को प्रोत्साहन देने, राजस्थान में उपलब्ध संस्कृत साहित्य को प्रकाशित करने तथा नवोदित प्रतिभाओं को प्रकाश में लाने के लिए 1980 में संस्कृत दिवस पर राजस्थान संस्कृत अकादमी की स्थापना जयपुर में की गई।
  • अकादमी द्वारा माघ पुरस्कार, आचार्य नवल किशोर कांकर वेद- वेदांग पुरस्कार, पंडित पन्नालाल जोशी पुरस्कार, अम्बिकादत्त व्यास पुरस्कार, मधुसूदन ओझा पुरस्कार आदि प्रदान किए जाते है।
  • अकादमी द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार ‘माघ पुरस्कार’ है।
  • अकादमी द्वारा स्वर मंगला और स्वर माला पत्रिका का भी प्रकाशन किया जाता है।

राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी, जयपुर (Rajasthan Brij Bhasha Academy, Jaipur)

  • ब्रजभाषा के सम्यक प्रचार-प्रसार एवं विकास के लिए 19 जनवरी, 1986 को जयपुर में इसकी स्थापना की गई।
  • ब्रजभाषा का प्रचार-प्रसार करना इसका मुख्य उद्देश्य है।
  • अकादमी द्वारा त्रैमासिक पत्रिका ‘ब्रज शतदल’ का प्रकाशन किया जाता है।

राजस्थान सिंधी अकादमी, जयपुर (Rajasthan Sindhi Academy, Jaipur)

  • सिंधी साहित्य के प्रचार-प्रसार एवं विकास के लिए 1979 में जयपुर में इसकी स्थापना की गई।
  • अकादमी द्वारा वार्षिक साहित्यिक पत्रिका ‘रिहाण’ का प्रकाशन किया जाता है।

राजस्थान उर्दू अकादमी, जयपुर (Rajasthan Urdu Academy, Jaipur)

  • उर्दू भाषा एवं साहित्यिक कार्यकलापों को प्रोत्साहित करने के लिए फरवरी, 1979 में जयपुर में इसकी स्थापना की गई।
  • अकादमी द्वारा त्रैमासिक पत्रिका ‘नखलिस्तान’ का प्रकाशन किया जाता है।

राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर (Rajasthan Hindi Granth Academy, Jaipur)

  • हिन्दी में विश्वविद्यालय स्तरीय मानक पाठ्य पुस्तकों एवं संदर्भ ग्रंथों के निर्माण, प्रकाशन तथा हिन्दी भाषा के उन्नयन व विकास के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1968 के तहत् 15 जुलाई, 1969 को एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में इसकी स्थापना जयपुर में की गई।
  • वर्ष 2005-06 से पारदर्शिता एवं लेखकों की सुविधा के लिए रॉयल्टी का प्रतिदिन का लेखा अकादमी की वेबसाइट पर रखने का प्रावधान किया गया।
  • इस तरह की सुविधा प्रदान करने वाला यह देश का एकमात्र प्रकाशन गृह है।

राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर (Rajasthani Bhasha, Sahitya and Sanskriti Academy, Bikaner)

  • राजस्थानी भाषा एवं साहित्य के विकास के लिए जनवरी, 1983 में इसकी स्थापना बीकानेर में की गई।
  • अकादमी द्वारा राजस्थान के उत्कृष्ट साहित्यकारों को प्रतिवर्ष पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं जिनमें- सूर्यमल्ल मिश्र पुरस्कार, गणेशीलाल उस्ताद पद्य पुरस्कार, मुरलीधर व्यास कथा सम्मान, शिवचरण भरतिया गद्य पुरस्कार, सांवर दइया पेली पोथी पुरस्कार, बाल साहित्य पुरस्कार आदि प्रमुख है।
  • अकादमी द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार ‘सूर्यमल्ल मिश्र पुरस्कार’ है।
  • अकादमी द्वारा मासिक पत्रिका ‘जागती जोत’ का प्रकाशन किया जाता है।

मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी-फारसी शोध संस्थान, टोंक (Maulana Abul Kalam Azad Arabic and Persian Research Institute, Tonk)

  • अरबी-फारसी भाषा एवं साहित्य के शोध एवं विकास के लिए 4 दिसम्बर, 1978 को अरबी-फारसी शोध संस्थान की स्थापना टोंक में की गई।
  • सन् 1987 में इसका वर्तमान नाम रखा गया। पहले इसका नाम ‘कसरे इल्म’ था।
  • टोंक नवाब मोहम्मद अली ने लावा ठिकाने के ठाकुर छितर सिंह पर आक्रमण कर उसे नजर बंन्द कर लिया इससे नाराज होकर अंग्रेजों ने मोहम्मद अली को बनारस जेल में कैद कर लिया। यहां रहते हुए मोहम्मद अली ने अरबी-फारसी ग्रन्थों के लेखन का कार्य किया।
  • मोहम्मद अली की मृत्यु के बाद इसका पुत्र रहीम इन ग्रन्थों को टोंक ले आया। स्वतन्त्रता के बाद राज्य सरकार द्वारा इन ग्रन्थों की रक्षा के लिए इस संस्था की स्थापना की गई।
  • इस संस्थान में औरंगजेब द्वारा लिखी गई आलमगिरी तथा कुरानेशरीफ उपलब्ध है।
  • यहीं पर शाहजहां द्वारा रचित कुराने कमाल बेजोड़ नमूना है।
  • इस संस्थान में ‘आलम गरी बेन’ नामक शब्दकोश उपलब्ध है जिससे कुरान के कठिन शब्दों की व्याख्या की गई है।

राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान, जोधपुर (Rajasthan Prachya Vidhya Pratishthan, Jodhpur)

  • हस्तलिखित ग्रन्थों के संग्रह, सर्वेक्षण, सम्पादन, प्रकाशन एवं संरक्षण के लिए 1950 में जयपुर में इसकी स्थापना की गई।
  • 1958 में इसका स्थानान्तरण जोधपुर कर दिया गया।
  • इस संस्था के संस्थापक आचार्य मुनि विजय जैन थे।

राजस्थान राज्य अभिलेखागार, बीकानेर (Rajasthan State Archive Department, Bikaner)

  • इतिहास की लिखित सामग्री को सुरक्षित करने के उद्देश्य से 1955 में जयपुर में इसकी स्थापना की गई।
  • 1960 में इसका स्थानान्तरण बीकानेर कर दिया गया।
  • यहां मुगलकाल से लेकर वर्तमान सरकार के 25 वर्ष से अधिक पुराने अभिलेखों का संधारण व संरक्षण होता है।

अम्बेडकर पीठ, जयपुर (Ambedkar Peeth, Jaipur)

  • डॉ. भीमराव अम्बेडकर के सामाजिक, आर्थिक और बौद्धिक चिन्तन को बढ़ावा देने के लिए 14 अप्रैल, 2007 को ग्राम मूंडला, तहसील जमवारामगढ़, जिला जयुपर में अम्बेडकर पीठ का शिलान्यास किया गया।
  • अम्बेडकर पीठ की शासी परिषद के पदेन अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे।

जैन विश्व भारती, लाडनूं (Jain Vishva Bharati, Ladnun)

  • इसकी स्थापना जैन आचार्य तुलसी ने नागौर जिले के लाडनूं कस्बे में की।
  • संस्थान द्वारा पत्रिका ‘तुलसी प्रज्ञा’ का प्रकाशन किया जाता है।
  • इसे डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त है।

भादरिया लाइब्रेरी, जैसलमेर (Bhadariya Library, Jaisalmer)

  • यह एशिया की सबसे बड़ी गैर-सरकारी लाइब्रेरी (Asia’s Biggest Private Library) हैं।
  • इसकी स्थापना 1983 में हरिवंश सिंह निर्मल ने पोकरण, जैसलमेर में की।
  • इसमें 9 लाख से भी अधिक पुस्तकें है।

राजस्थानी पंजाबी भाषा अकादमी, श्रीगंगानगर (Rajasthani Punjabi Bhasha Academy, Sriganganagar)

पंजाबी भाषा, साहित्य, कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए 7 मार्च, 2006 को गंगानगर में राजस्थानी पंजाबी भाषा अकादमी की स्थापना की गई है।

Some Important Literary Institutions of Rajasthan

S.No.संस्थास्थापनाकहांविशेषता
1.राजस्थानी शोध संस्थान, जोधपुर1955चौपासनी, जोधपुरसंस्थान द्वारा पत्रिका ‘परम्परा’ का प्रकाशन किया जाता है।
2.जिन भद्रसूरि ज्ञान भंडार, जैसलमेरजैसलमेर के दुर्ग मेंइसमें हस्तलिखित ग्रन्थों का दुर्लभ भंडार है।
3.सरस्वती पुस्तकालय, सीकरफतहपुर, सीकरइस पुस्तकालय में चीन में प्रकाशित पाउल कारुल द्वारा लिखित द लिग्वीस्टीक सर्वे ऑफ इन्ड़िया नामक ग्रन्थ भी उपलब्ध है।
4.पं. झाबरमल्ल शर्मा शोध संस्थान, जयपुर2000जयपुर
5.जगदीश सिंह गहलोत शोध संस्थान, जोधपुर1975जोधपुर
6.महाराज मान सिंह पुस्तक प्रकाश संस्थान, जोधपुर2 फरवरी 1805जोधपुरतत्कालीन महाराजा मान सिंह द्वारा स्थापना की गई थी।
7.अनुप लाईब्रेरी, बीकानेरबीकानेरअनुप सिंह द्वारा स्थापित यह संस्था वर्तमान में लालगढ़ महल में संचालित है।
8.श्रीरामचरण प्राच्य विद्यापीठ एवं संग्रहालय, जयपुर1960जयपुरआचार्य रामशरण द्वारा स्थापना की गई थी।
9.लोक संस्कृति नगर श्री शोध संस्थान, चूरू1964चूरूसुबोध कुमार अग्रवाल द्वारा स्थापना की गई थी।
10.राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल, जयपुर1974जयपुर
11.राजस्थान मदरसा बोर्ड, जयपुर2003जयपुर
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