राजस्थान का एकीकरण (Integration of Rajasthan)
January 22nd, 2023
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- राजस्थान के एकीकरण (Integration of Rajasthan) का श्रेय सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) [उपनाम: लौह पुरुष (Iron Man) और बिस्मार्क (Bismarck)] को दिया जाता है। राजस्थान का एकीकरण (Integration of Rajasthan) 7 चरणों में पूरा हुआ। एकीकरण 18 मार्च 1948 से शुरू होकर 1 नवंबर 1956 को पूरा हुआ। इसमें 8 वर्ष 7 माह 14 दिन का समय लगा। एकीकरण के दौरान राजस्थान में 25 जिले थे।
- भारत की आजादी के समय (15 अगस्त 1947) 565 रियासतें थी, जिनमें से 562 का विलय कर दिया गया। विलय पत्र पर कश्मीर (Kashmir), हैदराबाद (Hyderabad) और जूनागढ़ (गुजरात) ने हस्ताक्षर नहीं किए थे। आजादी के समय राजस्थान (Rajasthan) में 19 रियासते, 3 ठिकाने (नीमराना- अलवर (Neemrana-Alwar), कुशलगढ़- बांसवाड़ा (Kushalgarh-Banswara), लावा- जयपुर (Lava-Jaipur) और 1 केंद्र शासित प्रदेश अजमेर-मेरवाड़ा (Ajmer-Merwara) था।
- 27 जून 1947 को रियासती विभाग और 5 जुलाई 1947 को रियासती सचिवालय की स्थापना की गई।
- सचिवालय का अध्यक्ष सरदार पटेल (Sardar Patel) को और सचिव वीपी मेनन (VP Menon) को नियुक्त किया गया।
Rajasthan ka Ekikaran: Table of Contents
- प्रथम चरण – मत्स्य संघ (First Phase – Matsya Union)
- द्वितीय चरण – पूर्व राजस्थान संघ (Second Phase – Rajasthan Union)
- तृतीय चरण – संयुक्त राजस्थान (Third Phase – United State of Rajasthan)
- चतुर्थ चरण – वृहद राजस्थान (Fourth Phase – Greater Rajasthan)
- पंचम चरण – संयुक्त वृहतर राजस्थान (Fifth Phase – United State of Greater Rajasthan)
- षष्ठम चरण – राजस्थान संघ (Sixth Phase – United Rajasthan)
- सप्तम चरण – राजस्थान (Seventh Phase – Re-organised Rajasthan)
- जिलों का गठन (District Formation)
- कुछ महत्वपूर्ण तथ्य (Some Important Facts)
प्रथम चरण – मत्स्य संघ (First Phase – Matsya Union)
- मत्स्य संघ (Matsya Union) का गठन 18 मार्च 1948 को हुआ। मत्स्य संघ नाम के एम (कन्हैया लाल माणिक्य लाल) मुंशी के सुझाव पर रखा गया।
- 4 रियासतें – अलवर (Alwar), भरतपुर (Bharatpur), करौली (Karauli), धौलपुर (Dholpur) (Trick: A B C D) और एक ठिकाना – नीमराणा (Neemrana) शामिल किया गया।
- राजधानी (Capital): अलवर (Alwar)
- उद्घाटनकर्ता: एन वी (Narhari Vishnu Gadgil – नरहरि विष्णु) गॉडगिल
- उद्घाटन स्थान: लौहागढ़ दुर्ग (भरतपुर) [Lohagarh (Bharatpur)]
- राजप्रमुख: उदयभान सिंह (धौलपुर महाराजा) [Udaibhan Singh – Dholpur King]
- उप राजप्रमुख: गणेशपाल वासुदेव (करौली) [Ganesh Pal Vasudev – Karauli]
- प्रधानमंत्री: शोभाराम कुमावत (अलवर) [Shobharam Kumawat – Alwar]
- उप प्रधानमंत्री: युगल किशोर चतुर्वेदी (Yugal Kishor Chaturvedi) व गोपी लाल यादव (Gopi Lal Yadav)
द्वितीय चरण – पूर्व राजस्थान संघ (Second Phase – Rajasthan Union)
- पूर्व राजस्थान संघ का गठन 25 मार्च 1948 को हुआ।
- 9 रियासतें – बांसवाड़ा (Banswara), बूंदी (Bundi), शाहपुरा (Shahpura), किशनगढ़ (Kishangarh), झालावाड़ (Jhalawar), डूंगरपुर (Dungarpur), कोटा (Kota), प्रतापगढ़ (Pratapgarh), टोंक (Tonk) (Trick: बाबू शाह की झाडू को प्रताप टोंक ले गया) और एक ठिकाना – कुशलगढ़ (Kushalgarh) शामिल किया गया।
- राजधानी (Capital): कोटा (Kota)
- उद्घाटनकर्ता: एन वी (Narhari Vishnu Gadgil – नरहरि विष्णु) गॉडगिल
- उद्घाटन स्थान: कोटा दुर्ग (Kota Fort)
- राजप्रमुख: भीमसिंह (कोटा) [Bhimsingh – Kota]
- उप राजप्रमुख: बहादुर सिंह (बूंदी) [Bahadur Singh – Bundi]
- प्रधानमंत्री: गोकुल लाल असावा (शाहपुरा) [Gokul Lal Asawa – Shahpura]
तृतीय चरण – संयुक्त राजस्थान (Third Phase – United State of Rajasthan)
- संयुक्त राजस्थान (United State of Rajasthan) का गठन 18 अप्रैल 1948 को हुआ।
- इस चरण में पूर्व राजस्थान संघ में उदयपुर (Udaipur) रियासत को मिलाया गया। अब कुल 10 रियासतें और 1 ठिकाना हो गया।
- राजधानी (Capital): उदयपुर (Udaipur)
- उद्घाटनकर्ता: जवाहरलाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru)
- उद्घाटन स्थान: कोटा (Kota)
- राजप्रमुख: महाराणा भूपाल सिंह (मेवाड़) (Maharana Bhupal Singh – Mewar)
- उप राजप्रमुख: भीम सिंह (कोटा) (Bhim Singh – Kota)
- प्रधानमंत्री: माणिक्य लाल वर्मा (उपनाम मेवाड का गांधी) (अलवर) (Manikya Lal Verma – Gandhi of Mewar – Alwar)
- उप प्रधानमंत्री: गोकुल लाल असावा (Gokul Lal Asawa)
चतुर्थ चरण – वृहद राजस्थान (Fourth Phase – Greater Rajasthan)
- वृहद राजस्थान (Greater Rajasthan) का गठन 30 मार्च 1949 को हुआ। 30 मार्च को ही राजस्थान दिवस (Rajasthan Diwas) मनाया जाता है।
- 4 रियासतें – जयपुर (Jaipur), जोधपुर (Jodhpur), जैसलमेर (Jaisalmer), बीकानेर (Bikaner) (Trick: जय जोधा जै बी) और एक ठिकाना – लावा (Lava) शामिल किया गया। कुल 14 रियासतें और 2 ठिकाने हो गए।
- राजधानी (Capital): जयपुर (Jaipur)
- उद्घाटनकर्ता: सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel)
- उद्घाटन स्थान: सिटी पैलेस / चंद्रमहल (जयपुर) [City Palace / Chandramahal]
- महाराज प्रमुख: महाराणा भूपाल सिंह (Maharan Bhupal Singh)
- राजप्रमुख: मानसिंह द्वितीय (जयपुर) [Mansingh II – Jaipur]
- उप राजप्रमुख: भीम सिंह (कोटा) [Bhim Singh – Kota]
- प्रधानमंत्री: हीरालाल शास्त्री (जयपुर) (Hiralal Shashtri – Jaipur)
- पी. सत्यनारायण राव समिति (P. Satyanarayan Rao Samiti) की सिफारिश पर उच्च न्यायालय (जोधपुर) [High Court – Jodhpur], कृषि विभाग (भरतपुर) [Agriculture Department – Bharatpur], खनिज विभाग (उदयपुर) [Mineral Department – Udaipur], शिक्षा विभाग (बीकानेर) [Education Department – Bikaner], वन विभाग (कोटा) [Forest Department – Kota] बनाया गया।
पंचम चरण – संयुक्त वृहतर राजस्थान (Fifth Phase – United State of Greater Rajasthan)
- संयुक्त वृहतर राजस्थान (United State of Greater Rajasthan) का गठन 1 मई 1949 को हुआ। प्रधानमंत्री का पद समाप्त कर मुख्यमंत्री (Chief Minister) पद सृजित किया गया।
- डॉ. शंकर देव राय समिति (Dr. Shankar Dev Rai Samiti) की सिफारिश पर वृहद राजस्थान में मत्स्य संघ को मिलाकर संयुक्त वृहतर राजस्थान बनाया गया। संयुक्त वृहद राजस्थान संघ में कुल रियासतें 18 तथा 3 ठिकाने थे।
- राजधानी (Capital): जयपुर (Jaipur)
- उद्घाटनकर्ता: सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel)
- महाराज प्रमुख: महाराजा भूपाल सिंह (Maharaja Bhupal Singh)
- राजप्रमुख: मानसिंह द्वितीय (Mansingh II)
- उप राजप्रमुख: भीम सिंह (कोटा) [Bhim Singh – Kota]
- मुख्यमंत्री: हीरालाल शास्त्री (अलवर) [Hirala Shastri – Alwar]
षष्ठम चरण – राजस्थान संघ (Sixth Phase – United Rajasthan)
- राजस्थान संघ (United Rajasthan) का गठन 26 जनवरी 1950 को हुआ। इसी दिन राजपूताना (Rajputana) का नाम बदलकर राजस्थान (Rajasthan) रखा। इसी दिन इस भौगोलिक क्षेत्र को आधिकारिक राजस्थान नाम मिला।
- संयुक्त वृहतर राजस्थान में सिरोही (Sirohi) (आबू व दिलवाड़ा तहसील को छोड़कर) रियासत का विलय हुआ।
- राजधानी: जयपुर (Jaipur)
- राजप्रमुख: मानसिंह द्वितीय (Mansinhg II)
- मुख्यमंत्री: हीरालाल शास्त्री (अलवर) [Hiralal Shastri – Alwar]
सप्तम चरण – राजस्थान (Seventh Phase – Re-organised Rajasthan)
- राजस्थान (Rajasthan) का गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ। इसी दिन राजप्रमुख का पद समाप्त करके राज्यपाल (Governor) का पद सृजित किया गया।
- अजमेर-मेरवाड़ा (Ajmer – Merwara), आबू-देलवाड़ा (Abu – Delwara) व मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मंदसौर जिले का सुनीलटप्पा गांव (वर्तमान में कोटा) राजस्थान में शामिल किया गया। झालावाड़ (Jhalawar) जिले का सिरोंज उपखंड मध्यप्रदेश को दिया गया था।
- राजधानी (Capital): जयपुर (Jaipur)
- मुख्यमंत्री: मोहन लाल सुखाडिया (Mohan Lal Sukhadia)
- राज्यपाल: गुरुमुख निहालसिंह (Gurmukh Nihal Singh)
जिलों का गठन (Integration of Rajasthan: District Formation)
जिला | कैसे बना | स्थापना | |
---|---|---|---|
26वां जिला | अजमेर (Ajmer) | 1 नवंबर 1956 | |
27वां जिला | धौलपुर (Dholpur) | भरतपुर से अलग कर | 15 अप्रैल 1982 |
28वां जिला | बारां (Baran) | कोटा से अलग कर | 10 अप्रैल 1991 |
29वां जिला | दौसा (Dausa) | जयपुर से अलग कर | 10 अप्रैल 1991 |
30वां जिला | राजसमंद (Rajsamand) | उदयपुर से अलग कर | 10 अप्रैल 1991 |
31वां जिला | हनुमानगढ़ (Hanumangarh) | गंगानगर से अलग कर | 12 जुलाई 1994 |
32वां जिला | करौली (Karauli) | सवाईमाधोपुर से अलग कर | 19 जुलाई 1997 |
33वां जिला | प्रतापगढ़ (Pratapgarh) | चित्तौड़गढ़, उदयपुर व बांसवाड़ा से अलग कर | 26 जनवरी 2008 |
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य (Integration of Rajasthan: Some Important Facts)
- भारत की सबसे बड़ी रियासत हैदराबाद (Hyderabad) थी।
- भारत की सबसे छोटी रियासत बिलावरी (एमपी) [Bilawari – MP] थी।
- राजस्थान की सबसे प्राचिन रियासत मेवाड़ (उदयपुर) [Mewar – Udaipur] थी। मेवाड़ रियासत की स्थापना 565 ई. में गुहिल द्वारा की गई।
- राजस्थान की सबसे नवीन रियासत झालावाड़ (Jhalawar) थी।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी रियासत जोधपुर (मारवाड़) [Jodhpur – Marwar] थी।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटी रियासत शाहपुरा (भीलवाड़ा) [Shahpura – Bhilwara] थी।
- जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ी रियासत जयपुर (Jaipur) थी।
- जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटी रियासत शाहपुरा (Shahpura) थी।
- शाहपुरा(Shahpura) और किशनगढ़ (Kishangarh) दो रियासतें जिन्हें तोप सलामी का अधिकार नहीं था।
- राजस्थान की दो जाट रियासतें भरतपुर (Bharatpur) व धौलपुर (Dholpur) थी।
- राजस्थान की एकमात्र मुस्लिम रियासत टोंक (Tonk) थी।