भारतीय बैंकों का राष्ट्रीयकरण (Overview of the Nationalisation of Banks in India)
November 6th, 2022
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आर्थिक विकास में बैंकों (Banks) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। स्वतंत्रता के समय संपूर्ण बैंकिंग क्षेत्र निजी स्वामित्व में था। इस समय बैंक अपने निजी हितों के लिए काम कर रहे थे।
भारत की लगभग 80% पूंजी इन्हीं निजी बैंकों के पास जमा थी। इसके बावजूद इन बैंकों की भारत की सामाजिक व आर्थिक स्थिति सुधारने में कोई योगदान नहीं था। देश की ग्रामीण आबादी को अपनी आवश्यकताओं के लिए छोटे उधारदाताओं पर निर्भर होना पड़ता था। इसके चलते सरकार ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण (Nationalisation of Banks) का निर्णय लिया।
बैंकों पर सामाजिक नियंत्रण (Social Control over Banks)
देश में बैंकों के कुप्रबंधन को रोकने तथा सरकारी नीति को सफल बनाने के विचार से बैंकिंग नियम (संशोधन) सन्नियम 1968 (Banking Laws Amendment Act 1968) बनाया गया।
इसके तहत 1 फरवरी 1969 से बैंकों पर सामाजिक नियंत्रण (Social Control over Banks) लागू किया गया। इसके अनुसार सरकार का बैंकों के कार्यों पर काफी नियंत्रण हो गया।
बैंकों का राष्ट्रीयकरण (Nationalisation of Banks in India)
बैंकिंग सेवाओं एवं सुविधाओं का विस्तार करने, किसानों और गरीबों तक बैंकों की पहुंच सुनिश्चित करने और देश के आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए सरकार ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण (Nationalisation of Banks) का निर्णय लिया।
सरकार ने दो चरणों (2 Phases) में बैंकों का राष्ट्रीयकरण (Nationalisation of Banks) किया।
पहला चरण – 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण (Phase I Nationalisation of 14 Banks)
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम 1970 (Banking Companies Acquisition and Transfer of Undertaking Ordinance 1970) के तहत 19 जुलाई 1969 को 14 प्रमुख बैंकों का राष्ट्रीयकरण (Nationalisation of Banks) कर दिया।
इस समय राष्ट्रीयकरण के लिए वे बैंक चुने गए, जिनकी जमा राशि (Total Deposits) 50 करोड़ रुपए अथवा इससे अधिक थी।
बैंक (Bank) | स्थापना (Established) | हैड क्वार्टर (Head Quarter) |
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) | 21 December 1911 | मुंबई (Mumbai) |
बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) | 7 September 1906 | मुंबई (Mumbai) |
पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) | 19 May 1894 | नई दिल्ली (New Delhi) |
बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) | 20 July 1908 | वडोदरा (Vadodara) |
यूनाइटेड कॉमर्शियल बैंक (UCO Bank) | 6 January 1943 | कोलकाता (Kolkata) |
केनरा बैंक (Canara Bank) | 1 July 1906 | बेंगलुरु (Bengaluru) |
यूनाईटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank of India) | 1950 | कोलकाता (Kolkata) |
देना बैंक (Dena Bank) | 26 May 1938 | मुंबई (Mumbai) |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) | 11 November 1919 | मुंबई (Mumbai) |
इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) | 24 April 1865 | कोलकाता (Kolkata) |
सिंडिकेट बैंक (Syndicate Bank) | 1925 | बेंगलुरु (Bengaluru) |
इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) | 10 February 1937 | चेन्नई (Chennai) |
इंडियन बैंक (Indian Bank) | 15 August 1907 | चेन्नई (Chennai) |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra) | 16 September 1935 | पुणे (Pune |
दूसरा चरण – 6 बैंकों का राष्ट्रीयकरण (Phase II Nationalisation of 6 Banks)
सरकार ने बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम 1980 (Banking Companies Acquisition and Transfer of Undertaking Ordinance 1980) के तहत 15 अप्रैल 1980 में छह और बैंकों का राष्ट्रीयकरण (Nationalisation of Banks) कर दिया गया।
इस समय राष्ट्रीयकरण के लिए वे बैंक चुने गए, जिनकी जमा राशि (Total Deposits) 200 करोड़ रुपए अथवा इससे अधिक थी।
बैंक (Bank) | स्थापना (Established) | हैड क्वार्टर (Head Quarter) |
आंध्र बैंक (Andhra Bank) | 28 November 1923 | हैदराबाद (Hyderabad, Telangana) |
कारपोरेशन बैंक (Corporation Bank) | 12 March 1906 | मैंग्लोर (Mangalore) |
न्यू बैंक ऑफ इंडिया (New Bank of India) | 1936 | |
ओरिएंटल बैंक ऑफ इंडिया (Oriental Bank of India) | ||
पंजाब एंड सिंध बैंक (Punjab and Sind Bank) | 24 June 1908 | दिल्ली (Delhi) |
विजया बैंक (Vijaya Bank) | 23 October 1931 | मैंग्लोर (Mangalore) |
राष्ट्रीयकरण (Nationalisation of Banks in India) की इस पूरी प्रक्रिया के परिणामस्वरूप 1980 तक भारत (India) में 20 राष्ट्रीयकृत बैंक (Nationalised Banks) हो गए। न्यू बैंक ऑफ इंडिया (New Bank of India) को 1993 में पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) में विलय कर दिया गया। इसके बाद देश में 19 राष्ट्रीयकृत बैंक रह गए।
Points to Remember about Nationalisation of Banks in India
भारत में बैंकिंग प्रणाली को सुदृढ़ करने और अर्थव्यवस्था के बेहतर विकास के लिए भारत सरकार (Indian Government) ने 1948 में रिजर्व बैंक लोक-स्वामित्व हस्तांतरण एक्ट (Reserve Bank Transfer to Public Ownership Act) पास कर 1 जनवरी 1949 को भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण (Nationalisation of Reserve Bank of India) कर दिया।
1 जुलाई 1955 को इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया का राष्ट्रीयकरण (Nationalisation) कर इसका नाम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) कर दिया गया।