भारतीय रिजर्व बैंक एवं उसके कार्य (Reserve Bank of India and its Functions)

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November 13th, 2022

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RBI and It's Functions

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) हमारे देश का केंद्रीय बैंक (Central Bank) है। यह भारत के सभी बैंकों का संचालक है। रिजर्व बैक भारत की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करता है।

आरबीआई की स्थापना (How RBI Established)

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) की स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (RBI Act 1934) के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल 1935 को हुई थी।

सबसे पहले 1913 में चैंबरलेन आयोग ने भारत के लिए केंद्रीय बैंक की स्‍थापना का सुझाव दिया था, लेकिन प्रथम विश्‍व युद्ध (First World War) शुरू हो जाने के चलते इस पर विचार नहीं किया जा सका।

1926 में हिल्‍टन यंग कमिशन (Hilton Young Commission) ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्‍थापना की सिफारिश की।

8 सितंबर 1933 को विधानसभा में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बिल रखा गया, जो 1934 में भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (RBI Act 1934) के रूप में पारित हुआ। इसी एक्ट के तहत भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) की स्थापना हुई और इसने 1 अप्रैल, 1935 से कार्य शुरू कर दिया।

रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) का केंद्रीय कार्यालय प्रारंभ में कोलकाता (Kolkata) में स्थापित किया गया था जिसे 1937 में स्थायी रूप से मुंबई (Mumbai) में स्थानांतरित किया गया। केंद्रीय कार्यालय वह कार्यालय है जहां गवर्नर (Governor) बैठते हैं और जहां नीतियां निर्धारित की जाती हैं।

स्‍थापना के समय भारतीय रिजर्व बैंक की अधिकृत पूंजी 5 करोड़ रुपए थी। इसमें सरकार की हिस्‍सेदारी 20-22 लाख रुपए ही थी।

आरबीआई की संगठनात्मक संरचना (RBI Structure)

रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) के मामलों का संचालन केंद्रीय निदेशक मंडल (Board of Directors) करता है। बोर्ड चार वर्षों की अवधि के लिए भारत सरकार नियुक्त करती है।

आरबीआई के निदेशक मंडल (Board of Directors) में कुल 21 सदस्‍य है। इनमें एक गवर्नर (Governor), चार उप गवर्नर (Deputy Governors), चारों स्थानीय बोर्डों से एक-एक अधिकारी, 2 वित्त मंत्रालय के अधिकारी (सामान्‍यत: इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी और फाइनेंस सर्विसेस सेक्रेटरी) और 10 सरकार द्वारा नियुक्‍त अधिकारी होते है।

आरबीआई के वर्तमान गवर्नर (Governor) शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) हैं। 4 उप गवर्नर- बी.पी. कानूनगो (B.P. Kanungo), एम. राजेश्‍वर राव (M. Rajeshwar Rao), माइकल पात्रा (Michael Patra), महेश कुमार जैन (Mahesh Kumar Jain) है।

आरबीआई के ऑफिस (Offices of RBI)

रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) का केंद्रीय कार्यालय मुंबई (Mumbai) में है।

आरबीआई के चार ज़ोनल कार्यालय (Zonal Office) हैं जो चेन्नई (Chennai), नई दिल्ली (New Delhi), कोलकाता (Kolkata), मुंबई (Mumbai) में है।

इसके अलावा आरबीआई के 20 क्षेत्रीय (Regional) और 11 उपक्षेत्रीय (Sub-Regional) कार्यालय हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक का राष्‍ट्रीयकरण (Nationalisation of Reserve Bank of India)

1935 से 1948 तक रिजर्व बैंक अंशधारियों का ही बैंक रहा। 1948 में सरकार ने रिजर्व बैंक लोक-स्वामित्व हस्तांतरण एक्ट (Reserve Bank Transfer to Public Ownership Act) पास कर 1 जनवरी 1949 को भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) का राष्ट्रीयकरण (Nationalization) कर दिया। 1949 में RBI के राष्ट्रीयकरण के बाद से इस पर भारत सरकार का पूर्ण स्वामित्व है।

भारतीय रिजर्व बैंक के कार्य (Functions of RBI)

RBI Act 1934 के तहत भारतीय रिजर्व बैंक के कार्य निर्धारित किए गए है। ये निम्‍न प्रकार से है-

  • नोट जारी करना (Issue of Paper Currency)
  • बैंक-व्यवस्था का नियमन (Regulation of Banking)
  • भारत सरकार का बैंक (Banker of the Government)
  • बैंकों का बैंक तथा अंतिम ऋणदाता (Banker’s Bank and Lender of the Last Resort)
  • विनिमय-नियंत्रण का कार्य (Regulation of Foreign Exchange)
  • कृषि-साख की व्यवस्था (Provision of Agricultural Credit)

नोट जारी करना (Issue of Paper Currency)

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) के पास RBI Act 1934 के Section 22 के तहत देश में नोट छापने का एकाधिकार है। RBI Act 1934 के Section 24 के तहत RBI अधिकतम 10 हजार तक का नोट छाप सकती है।

आरबीआई के पास एक रूपए के नोट को छोड़कर सभी प्रकार के नोट जारी करने का अधिकार है। एक रुपए का नोट वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) द्वारा जारी किया जाता है।

नोटों को जारी करने/छपाई के लिए रिजर्व बैंक 1956 की न्यूनतम रिजर्व प्रणाली (Minimum Reserve System) को अपनाता है।

इस प्रणाली में नवंबर 1957 में संशोधन किया गया, जिसके तहत रिजर्व बैंक सोने और विदेशी मुद्रा भंडार के रूप में 200 करोड़ रूपए रिजर्व रखता है जिनमें से कम-से-कम 115 करोड़ रूपए सोने के रूप में और शेष विदेशी मुद्राओं के रूप में होनी चाहिए।

इस 200 करोड़ की धनराशि को रखने के बाद रिजर्व बैंक जरुरत के हिसाब से कितनी भी मुद्रा को छाप सकता है। हालांकि उसे भारत सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है।

बैंक-व्यवस्था का नियमन (Regulation of Banking)

भारतीय बैंकिंग विधान के तहत रिजर्व बैंक को देश में बैंक पर नियंत्रण रखने के अधिकार दिए गए हैं।

रिजर्व बैंक को इंडिया (Reserve Bank of India-RBI) को ये अधिकार RBI Act 1934 और Banking Regulation Act 1949 के तहत दिए है है।

बैंकों को लाइसेंस देना, बैंकों के साख-विस्तार पर नियंत्रण रखना, बैंकों के एकीकरण की योजनाओं की जांच करना तथा स्वीकृति देना, बैंकों का निरीक्षण करना, बैंकों से विवरण प्राप्त करना तथा उनकी जांच करना, कमजोर बैंकों की समाप्ति की सिफारिश करना, ऋण-नीति की जांच करना, सुझाव तथा सलाह या निर्देशन देना, बैंकों की प्रबंध-व्यवस्था का नियमन करना आदि अधिकार रिजर्व बैंक के पास है।

भारत सरकार का बैंक (Banker of the Government)

सरकार के बैंकर के रूप में रिजर्व बैंक भारत सरकार तथा राज्यों के बैंक, एजेंट और सलाहकार का कार्य करता है।

यह राज्य और केंद्र सरकार के सभी बैंकिंग कार्य करता है और आर्थिक और मौद्रिक नीति से संबंधित मामलों पर सरकार को सलाह भी देता हैl

यह सरकार के सार्वजनिक ऋण का प्रबंधन भी करता है। रिजर्व बैंक सरकारी कोषों का स्थानांतरण करता है तथा सरकार के लिए विदेशी विनिमय की व्यवस्था करता है।

सरकार के एजेंट के रूप में रिजर्व बैंक सार्वजनिक ऋणों (Public Debts) का प्रबंध करता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ये अधिकार RBI Act के Section 21 में दिए गए है। सार्वजनिक ऋण की व्यवस्था के लिए रिजर्व बैंक को 2000 रुपए प्रति करोड़ वार्षिक शुल्क मिलता है।

रिजर्व बैंक सरकार को काम चलाऊ ऋण देता हे, जिन्‍हें ‘उपाय एवं साधन अग्रिम’ (Ways and Means Advance) कहा जाता है। इन ऋणों का भुगतान अधिकतम 90 दिनों में करना होता है। इन पर बैंक दर से 1 प्रतिशत कम ब्‍याज लिया जाता है।

सलाहकार के रूप में रिजर्व बैंक सरकार को मौद्रिक, वित्तीय तथा आर्थिक कार्यों में सलाह देता है और इससे सम्बन्धित सरकारी नीति को सफल बनाने की दिशा में भी कार्य करता है।

बैंकों का बैंक तथा अंतिम ऋणदाता (Banker’s Bank and Lender of the Last Resort)

रिजर्व बैंक देश के बैंकों पर RBI Act 1934 और Banking Regulation Act 1949 के तहत नियंत्रण रखता है तथा बैंकों के बैंक (Banker’s Bank) तथा उनके लिए अंतिम ऋणदाता (Lender of the Last Resort) के रूप में कार्य करता है।

रिजर्व बैंक देश के बैंकों पर RBI Act 1934 और Banking Regulation Act 1949 के तहत नियंत्रण रखता है तथा बैंकों के बैंक (Banker’s Bank) तथा उनके लिए अंतिम ऋणदाता (Lender of the Last Resort) के रूप में कार्य करता है।

भारतीय रिजर्व बैंक देश के सभी वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है।

प्रत्येक अनुसूचित बैंक (Scheduled Banks) को अपनी कुल जमा का 3 प्रतिशत रिजर्व बैंक के पास नकदी के रूप में रखना पड़ता है।

विनिमय-नियंत्रण का कार्य (Regulation of Foreign Exchange)

रिजर्व बैंक का विनिमय-नियंत्रण विभाग देश में विदेशी विनिमय की मांग तथा आपूर्ति का संपूर्ण लेखा-जोखा रखता है और उनमें संतुलन बनाए रखने का प्रयास करता है।

रुपए की विनिमय-दर (Exchange Rate) का निर्धारण करना तथा इसमें स्थिरता बनाए रखना रिजर्व बैंक का दायित्व है।

विदेशी विनिमय दर को स्थिर रखने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India-RBI) विदेशी मुद्राओं को खरीदता और बेचता है और देश के विदेशी मुद्रा भंडार की सुरक्षा भी करता हैl

विदेश विनिमय बाज़ार में जब विदेशी मुद्रा की आपूर्ति कम हो जाती है तो भारतीय रिजर्व बैंक इस बाजार में विदेशी मुद्रा बेचता है जिससे कि इसकी आपूर्ती बढ़ाई जा सके और जब विदेशी मुद्रा की आपूर्ति अर्थव्यवस्था में बढ़ जाती है तो RBI विदेशी मुद्रा बाजार से विदेशी मुद्रा को खरीदता है।

कृषि-साख की व्यवस्था (Provision of Agricultural Credit)

रिजर्व बैंक के कृषि-साख विभाग है। यह कृषि-साख संबंधी प्रश्‍नों का अध्ययन करना, केंद्रीय तथा राज्य सरकारों और राज्य सहकारी बैंकों व अन्य बैंकों को सलाह देना तथा कृषि-साख देने वाली संस्थाओं के साथ संबंध स्थापित करने का काम करता है।

1956 में रिजर्व बैंक ने राष्ट्रीय कृषि-साख (दीर्घकालीन) कोष [National Agricultural Credit (Long Term Operations) Fund] तथा राष्ट्रीय कृषि-माका (स्थिरीकरण) कोष [National Agricultural Credit (Stabilization) Fund] की स्‍थापना की।